हम भूले फिर से ......!!!!!!!


क्योंकि,भूलना हमारी आदत हैं।।
हम भूल जाते हैं मुनिरका के बस स्टैंड को,
16  दिसम्बर की उस तारीख को,
जिसके बाद हम मोमबत्तियां जलाये,
रैलियां निकालते  घूम रहे थे .......
पोस्टर बनाये,आंदोलन की फोटो फेसबुक पर अपलोड करने को,
हम भूल गए अपनी उस गोल काली प्रोफाइल पिक को,
जिसे लगाकर हम दुनिया को  तुम्हारे साथ होने का नाटक जो कर रहे थे।
हम भूल गए,
हम भूले, क्योंकि मीडिया भी तो भूल गयी ...
मीडिया भी क्या करे,
आखिर इस बीच मोदी फिक्की, एस.आर.सी.सी जो गए थे,
राहुल उपाध्यक्ष जो बनाये गए थे,
अरे हाँ! हम भूले .....
क्योंकि .... आईपीएल जो आ गया था।
टी.आर.पी तो आईपीएल ही देता हैं,
दिल्ली डेयर  डेविल्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स के   महामुकाबले में,
इंडिया सिर्फ तुम्हारी ख़बरों से थोड़ी चलेगा .....!
इंडिया चलता हैं सलमान की शादी की खबर से,
इंडिया चलता हैं राहुल बनाम मोदी की खबरों से,
इंडिया चलता हैं संजय दत्त, धोनी और अमिताभ की पोती की खबरों से।।
हम भूल गए,
क्योंकि इस बीच बबली बदमाश, लैला, चिकनी चमेली जो याद हो गयी थी,
अरे भूल गए जी, आखिर कसाब, अफज़ल गुरु भी तो बड़ा मुद्दा था,
पॉप फ्रांसिस, 2014 चुनावों की तैयारी जो करनी थी!!!!!!! 

भूले हम और भी बहुत  कुछ ....
क्योंकि ओ.बी. वैन हर जगह नहीं पहुँच  पाती ....
न ये पहुँचती पूर्वोत्तर न अलीगढ न मथुरा,,
तो बलात्कार की खबर पर खेला कैसे जाये ...!
हम भूले, 
हम भूले,, क्योंकि प्रधानमंत्री, सोनिया, राष्ट्रपति,
प्राइम टाइम में प्रोफ़ेसर, नेता, अभिनेता ....
सब कैमरों, कलम के आगे खेद तो व्यक्त कर ही चुके थे!
हम बहुत भूले,
पर फिर भी आज खड़े हुए हैं मोमबत्ती लेकर,
क्योंकि मंडे टू फ्राइडे छुट्टी नहीं मिलती कामों से,
शनिवार इतवार को फेसबुक मटेरियल की खातिर,
थोड़ा तो निकलना पड़ता हैं ......
निकलना पड़ता हैं उन देखी हुई कुछ क्रांतिकारी फिल्मो के कारण,
जो जोश ज़ज्बे से भरी रहती हैं।।।।

हम भूले,
क्योंकि जस्टिस वर्मा तो अपना काम कर ही चुके,
हम भूले क्योंकि भूलना हमारी आदत हैं,
मैं भी आज ये लिख  रहा हूँ,,,
जब तुम्हारी उम्र 23 से गिरकर  5 साल हो गयी हैं!
अब इसका क्या फायदा ............
तुम तो फिर जीते जी मर चुकी हो ,,,,,!

इस बार तुमसे कोई दिखावटी वादा नहीं करूँगा,
न ही  मोमबत्तियां जलाऊँगा,,
ना ही गुड़िया,निर्भया,बहादुर बेटी नाम दूंगा,,
ना पोस्टर, ना ज्ञान बाटूंगा चाय की दुकान पर,
कोई बकेती, नाकामी,आरोप प्रत्यारोप कुछ नहीं,
पर माफ़ी के साथ,
तुमसे एक वादा करना चाहूँगा,
जब भी कोई लड़की सामने से गुजरेगी,
उसे देख कर न खुद न किसी और को,
स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स करने दूंगा।
माल, मस्त, आइटम जैसे अभद्र शब्द न बोलूँगा न सुनूंगा।
मैं आवाज़ उठाऊँगा जब जब तुम असहज महसूस करेगी,
क्योंकि अब मैं चाहता हूँ कि,
कुछ बदलाव करने के लिए मैं तुम्हारे बलात्कार होने  का इन्तजार  न करूँ!
और हाँ गुड़िया, निर्भया या जो भी तुम्हारा नाम हैं,
अब तक चाहे हम कुछ भी भूले हो,
पर ये वादे अब हम न भूलेंगे,
बदल डालेंगे अपनी इस भूलने की गन्दी आदत को,
क्योंकि तुम आज गाँधी नगर, मुनिरका में लूटी गयी  हो,
तो मेरी बहनें, दोस्त भी व्हाइट हाउस  में नहीं रहती हैं।।।।।
हम भूले, पर अब न भूलेंगे, अब न भूलेंगे!!!!!!!!!!!!

विकास त्रिवेदी 









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