भाईजी ऐसे ली जाती है ऑफिस से छुट्टी

नौकरी बेहद ही निर्मम शब्द है. पापी पेट के लिए नौकरी कर रहे लोगों को जालिम बॉस से अकसर छुट्टी लेने के लिए 'करवा चौथ के चांद की कहानी' की तरह चांद दिखने जैसा झूठ बोलना पड़ता है. छुट्टी लेने की वजह निजी और सार्वजनिक दोनों होती हैं. लेकिन इन वजहों के चलते नौकरी कर रहे मजदूर रूपी प्रोफेशनल्स को झूठ बोलना पड़ जाता है. ये झूठ अपने आप में अद्भुत और अखिल भारतीय हो चले हैं. तो अगर आपने जल्दी नौकरी जॉइन की है और आपको छुट्टी के लिए बहाने नहीं मिल रहे हैं. या हाल फिलहाल ही आपके सर बॉस का सेहरा बंधा है. तो ये रहे वो बहाने, जिनकी मदद से नौकरी कर रहे बेचारे, ऐश कर रहे बॉस का पत्थर दिल पिघलाने की कोशिश करते हैं.

छुट्टी के टॉप 10 बहाने

1. दस्त: 'दस्त-ए-तन्हाई' जीवन का ऐसा पीत सत्य है. जिसका सामना रोज करना होता है. लेकिन इस पीले सत्य से कई बार जूझने को समाज ने दस्त से नवाजा है. पीपली लाइव के नत्था से लेकर मुगल सम्राट अकबर तक को संडास जाना पड़ता है. दस्त की प्रक्रिया से बार-बार गुजरने का दर्द सभी समझते हैं. इसीलिए ऑफिस में छुट्टी की ऐप्लिकेशन के लिए सब्जेक्ट में 'दस्त' सबसे फिट बहाना है.

2. मां, बीवी और पति की खराब तबीयत: एक पहर की छुट्टी लेने के लिए मां, बीवी और पति की तबीयत जिस तेजी से खराब करवाई जाती है, उसे देखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंतित हो सकता है. हालांकि जिन लोगों की शादी नहीं हुई है, वो बीवी पति का बहाना नहीं बना सकते. लेकिन ऐसे वक्त में वो शशि कपूर का मशहूर डॉयलॉग 'मेरे पास मां है' बोलकर बॉस को चकमा दे सकते हैं.

3. बेस्ट फ्रेंड की शादी: आज मेरे यार की शादी है. यह लाइन दो जगह सबसे ज्यादा सुनाई देती है. एक तो लोट-लोटकर नाचने वाले ब्याहों में और छुट्टी लेते वक्त ऑफिस में. सर, मेरे वो निकरिया यार है. हमने साथ बैठकर... फलां फलां टाइप बातें करके ऑफिस में सबसे ज्यादा बहाने की तरह पेश किया जाता है. अगर आपको भी छुट्टी लेनी है तो एक सस्ता, टिकाऊ और कुंवारा दोस्त चुनकर पेश कर दीजिए बॉस के सामने. छुट्टी के लिए.

4. गांव गए बहुत दिन हो गए: भारत गांवों का देश है. शहरों के बड़े ऑफिसों में नौकरी कर रहे ज्यादातर लोग गांवों से जुड़े रहते हैं. छुट्टी लेने के लिए सर, मैडम गांव जाना है. घर की याद आती है टाइप बातें छुट्टी लेने का जमीनी बहाना हैं. हालांकि इस बहाने की सफलता के चांसेस कम होते हैं. पर फिर भी अगर आप इमोशनली बॉस को बेवकूफ बना सकते हैं तो प्याज काटकर इस बहाने का सेवन करें. लाभ मिलेगा.

5. एक्सीडेंट: सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. हां तो जरूरी थोड़ी है कि 24 घंटे सावधान मुद्रा में ही खड़े रहें. कभी-कभार रिलेक्स करते हुए बाइक, कार और रिक्शा एक्सीडेंट हो जाते हैं. अब एक्सीडेंट गले मिलने तो आता नहीं है. चोट देकर जाता है जालिम. तो बस इस चोट को उठाइए और छिली खाल को बहाने की तरह बॉस के सामने पेश कर दीजिए. गांरटी है, छुट्टी भी मिलेगी और दूसरी तरफ से आवाज भी आएगी,'अरे आराम से चलाया करो गाड़ी, खैर अब आराम करो, कोई नहीं'.

6. सरकारी काम: कोई ऐसा काम बता दीजिए जिसका ताल्लुक सरकार, कोर्ट या पुलिस से हो. भाई जी डर सबको लगता है. गला सबका सूखता है. पुलिस, कोर्ट से बड़े-बड़े लोगों की हवा टाइट हो जाती है. बॉस तो बहुत गपोड़चंद टाइप चीज होती है. जमानत, पेशी, बैंक का नोटिस नाम सुनते ही ऐसा कोई बॉस नहीं है, जो छुट्टी न दे. कानून व्यवस्था का पालन करने में बॉस का भी बड़ा योगदान है.

7. देखने वाले आ रहे हैं: शर्माइए मत. हाथ सभी के पीले होते हैं और जब बहाना हाथ पीले होने का हो तो बॉस लाल हो ही नहीं सकता. इसीलिए अगर आपको ऑफिस से छुट्टी चाहिए तो इस बहाने का बेधड़क इस्तेमाल कीजिए. लेकिन अगर आपकी शादी हो चुकी है. तो आप बहन या भाई के रिश्ते वालों के आने का बहाना बना सकते हैं.

8. वैद्य धनवंतरि: जब छुट्टी न मिल रही हो. ऐसे में खुद को ऑफिस में वैद्य धनवंतरि घोषित कर देना चाहिए. घर ससुराल से लोग इलाज के लिए आ रहे हैं. अस्पताल दिखाने जाना है. इस बहाने का दायरा बीमार रिश्तेदारों को रेलवे स्टेशन छोड़ने जाने तक बढ़ाया जा सकता है.

9. बीवी बच्चे हैं साहब: बच्चे के स्कूल में फंक्शन है, पत्नी का गायनी के यहां अप्वाइंटमेंट है. इन बहानों के जरिए आपकी छवि प्रोफेशनल्स से बदलकर परिवारिक हो सकती है. लेकिन जिस बॉस का खुद का परिवार होगा. वो आपका यह बहाना दर्द की तरह लेगा और आपको छुट्टी देने से नहीं बचेगा.

10. दुखद घड़ी है सर जी: दूर के रिश्तेदार का करीब से देहांत हो गया, अंत्येष्टि में जाना जरूरी है. एक बार फिर इमोशनल अत्याचार आपके काम आएगा. लेकिन छुट्टी के लिए किसी की रिश्तेदार को बहाने के तौर पर मारते हुए ध्यान रखिएगा कि पिछली बार किसे मारा था. मौत के मामले में रिपीटेशन अच्छी बात नहीं है. इस बहाने को हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे ज्यादा रगड़ा गया है.

टिप्पणियाँ