लड़कियों की पीठ पर...


दुनिया का सबसे मासूम और ईमानदार टेक्सट लड़कियों की पीठ पर लिखा गया. लेकिन वो इसे पढ़ नहीं पाईं. कुछ ने पढ़ा लेकिन पूरा महसूस करने से पहले  रिश्तों की स्याही खत्म हो गई. वो कोरी पीठ पर हाथ मलती गीला तकिया लिए सो गईं.

अब ये लड़कियां हनीमून के लिए शिमला नहीं ले जाई जाती हैं. ये लड़कियां अब शादी से पहले घुलने मिलने लगी हैं और 'अपने बारे में बताओ' पूछते हुए अपने बारे में बता रही हैं कि विदेश घूमना मेरा सपना है. लड़कियों की बात सुनकर 'पांच रात चार दिन का पैकेज 35 हजार रुपये'  वाले विकल्पों में से एक को चुनकर लड़के अपना भी सपना पूरा कर रहे हैं. अब ये चूड़ा पहनी हुई लड़कियां सुहागरात की अगली सुबह वैष्णो देवी जाती ट्रेन में अपनी साड़ी ठीक नहीं कर रही हैं.

CREDIT: Pawel Kuczynski

बगल के बालों को सफा करके कटस्लिप पहने ये लड़कियां समंदर की रेत पर नया नाम लिख रही हैं. समंदर किनारे आती हवाएं  लड़कियों की पीठ के लिए रबर बन गई हैं. लहरें नए नाम से मिलकर लौट रही हैं.

वो लड़कियां, जो अपनी मर्जी या बिना मर्जी से ये नहीं कर पा रही हैं... वो पंद्रह हजार में डीएसएलआर जैसी तस्वीर खींचने वाले फोन से तस्वीरें खिचवा रही हैं. लेकिन जल्दी में वो फोन के  कैमरे का लोगो हटाना भूली जा रही हैं. ब्यूटीप्लस और Mi A1 जैसे वॉटरमार्क से उनकी तस्वीर उतनी ही भौंडी लग रही है, जितनी पुराना नाम मिटने के बाद उनकी पीठ लगती है. लोग और Logo ने चीज़ों को बांधा है. लड़कियां Logo हुई जा रही हैं.

कुछ हैं वो भी लड़कियां, जो विदेशी गानों में देसी बोल सुन और देखकर हाहा, लोल किए जा रही हैं. इस बात से बेखबर कि लड़कियों का हाहा नहीं, दिल पाने के लिए कुछ लड़के मरे जा रहे हैं. लेकिन इन लड़कियों को उन लड़कियों की कहानी भी पता है, जिनके कथित प्रेमी को नहीं पता कि वो ज़िंदगी में किधर जा रहे हैं. लेकिन यही वो लड़कियां हैं, जो इन लड़कों को किधर भी चले जाने से रोक रही हैं और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के बढ़ते आंकड़े को कम करने में अपना योगदान दे रही हैं.

हैं वैसी भी प्यारी लड़कियां, जो शायद चाहती हों कि एक प्रेमी उनके गालों को चूमते हुए गर्दन तक जाए और सराय की तरह कुछ देर वहां रुके. सवेरे एक सूखा तकिया हो, सिर दो हों.

इन सारी लड़कियों के साथ कुछ लड़कियां लाल बत्ती की तरह सिग्नल पर खड़ी हैं और खुद के सिंगल होने पर गुमान कर रही हैं. वो इस बात को शायद कभी नहीं मानेंगी कि वो हरी बत्ती और तकिए के सूखने का इंतज़ार कर रही हैं. बस वो एक लिखाड़ नहीं मिल रहा, जो पीठ पर कुछ ऐसा लिखे जिसे मिटाने के लिए समंदर की लहरों और हवाओं के पास जाने का मन न करे. ये लड़कियां दुनिया का सबसे प्यारा और ईमानदार टेक्सट अपनी पीठ पर हमेशा के लिए गुदवाना चाहती हैं, शायद.



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