महादेव की कसम...


जब बराबर में मुर्दा सी आँखें लिए लड़की बैठी हो तो महादेव की कसम ही होती है, जो किसी कुंदन के किसी जोया के लिए ज़िंदा हो जाने का भरोसा दिलाती है. जब ‘अबे कोई तो रोक लो’ कहना काम नहीं करता है, तब महादेव की कसम काम करती है.

जब बूढ़ी माँ को चलने में दिक्कत होती है तो ये महादेव ही होते हैं जो सहूलियत देते हैं कि कोई बाहुबली अपनी माँ की ख़ातिर शिवलिंग उठाकर झरने के नीचे रख सके. महादेव ख़ुद बच्चे बनकर कंधे पर बैठना जानते हैं. बिना ये पूछे कि ‘कौन है वो कौन है वो, कहाँ से है आया... चारों दिशाओं में तेज सा छाया.’

महादेव जानते हैं कि जब हर कोई अमृत की लड़ाई लड़ रहा हो तो विष भी निकलेगा. महादेव अमृत नहीं माँगते, विष पीकर कहीं पहाड़ों में नीला गला लिए बैठे रहते हैं.

दुनिया में किसी ने जियो और जीने दो का कॉन्सेप्ट दिया तो वो महादेव थे. अपना शांति से काम किया. सादा पानी चढ़ा दो, बंदा ख़ुश. Little Things.



महादेव प्रेम करना जानते हैं. महादेव के अलावा और किसकी जीवन साथी होगी जिसे इतने पास से चाँद देखना नसीब होता होगा. कौन ऐसा पति होगा जो ज़िंदगी भर सख़्त दिखता रहा लेकिन जब रोया तो ऐसा रोया कि आँसू भी रूद्राक्ष बन गए. जो मर जाने के बाद भी अपनी पत्नी को गले लगाए घूमता रहा. बिलखते बच्चे की तरह... जिसके पास ये सुविधा नहीं थी कि किसी कुंदन की तरह कह सके- ‘ये जो मुर्दा सी आँखें लिए लड़की बैठी है... महादेव की कसम’ एक बार ज़िंदा हो जाए.

महादेव भी हमारी तरह निकले.. ख़ुद से ख़ुद के लिए कुछ माँग नहीं सके. लेकिन जिसको कोई कुछ नहीं देता उसको वक़्त देता है. हर शिव को अपनी पार्वती देता है.

आज कल की बारातों में शराब पीने से बहुत पहले ये महादेव ही थे जिनके बाराती भांग पीकर नाचे थे. आज उसी बारात वाली रात है. मेरे महादेव की रात है. जी करता है ज़ोर से burraahh कर दूँ. लेकिन इंस्टाग्राम से बहुत पहले पहाड़ों को गले लगाने वाले मेरे भोले समझेंगे नहीं.

इसलिए हवा में हाथ उठाकर बोलता हूँ.

हर हर महादेव. हर हर महादेव. भोले अपना बना ले.

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें