माइकल...माइकल: चांद पर चला, सूरज से जला



हवा से बरसते नोटों के बीच स्टेज पर स्थापित नुसरत साहेब. कहते- 'तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, मुहब्बत की राहों में आकर तो देखो.'

किसी दुनिया में डूबे मुंडी हिलाते नुसरत साहेब के कुछ बाल हल्के से हिलते हैं. एक दूसरी दुनिया में स्टेज पर एक और बाल हिलाता आदमी नुसरत साहेब की कही बात को अपने बागी बालों और झटकते जिस्म से जवाब देता है- You are not alone. I'm here with you.


दोनों नज़ारों को साथ देखें तो शायद से समझ न आए कि ये बालों की लड़ाई है या बोलों की. लेकिन दोनों अलग-अलग जीते और जीतते हैं. एक को मुकर्रर मुकर्रर सुनने को मिला. दूजे को माइकल...माइकल...





माइकल दिल से पीटर पेन था. नेवरलैंड वाला. बाहरी दुनिया उसे कम समझ आती थी. नेवरलैंड में वो अक्सर पेड़ पर चढ़ जाता. कहता- लोगों को फुटबॉल, क्रिकेट पसंद है, मुझे पेड़ पर चढ़ना.  भरी शोहरत को छोड़कर उसने हरी सोहबत चुनी. इसी पेड़ के नीचे उसने गाना लिखा,

'There's a place in your heart
And I know that it is love
And if you really try
You'll find there's no need to cry
Make a little space
Make a better place'

रेडियो के बंद स्टूडियो में तीन लोगों, हज़ारों, लाखों लोगों के लिए ख़बर पढ़ते हुए कुछ ख़ास जगहों पर पॉज लेना होता है. मुझ इस पॉज की घटिया समझ है.

माइकल जैक्सन इस पॉज का उस्ताद है. काले  कपड़ों में संतरी चमकीली पट्टी, सिर पर टोपी. तभी आंखों में लगे काले चश्मे में लाखों लोगों के सामने उतारते हुए जब वो पॉज लेकर गर्दन घुमाता, लोगों का शोर चीख़ों में बदल जाता. हर तरफ एक ही आवाज़...

'ओह माइकल...माइकल... '

माइकल कहता- मैं हमेशा बच्चा रहना चाहता हूं, दिल से पीटर. डांस करते हुए कुछ सोचता नहीं हूं, बस फील करता हूं. गाने तब लिखता हूं, जब हुक करे. माइकल अपनी ज़िंदगी अपनी मर्ज़ी से जी रहा था. ये वो वक्त नहीं था, जब काले माइकल को उसका बाप बेल्टों से मारता और बाकी भाइयों से कहता- Do it like Michael.

थककर सोने की कोशिश में नींद नहीं आती. फिर भी माइकल आंख नहीं खोल सकता था. हर रोज़ भाइयों की प्रेमिकाएं आतीं. माइकल को आंख खोलने की मनाही थी. माइकल वहीं लेटा रहता और भाइयों को उनकी प्रेमिकाओं संग शरीरों को जोड़ती आवाज़ें सुनता. माइकल की ज़िंदगी के ये शुरुआती धुनें रही होंगी, जो उसने आंख बंद करते हुए सुनी और बुनी होंगी.

आंख बंद करने का एक फायदा ये होता है कि हमें हमारा अकेलापन मिल जाता है. माइकल अकेला था. सालों बाद जब हिस्ट्री टूर पर वो हर शहर जाता तो एक लड़की कहीं भीड़ से चिल्लाती हुई आती. अपने थ्रिलर वाले माइकल को देख लड़कियां रोने लगती. स्टेज़ पर रौशनी का गोला दो लोगों पर होता. रोती लड़की और चमकीले माइकल. माइकल इन लड़कियों को उठाकर गले लगाता और अपनी किसी गुलाबी बच्चे सी आवाज़ में कहता- You are not alone, I'm here with you. माइकल कम से कम उस वक्त लोगों का अकेलापन मार रहा था. ये लड़कियां जब घर लौटीं तो कई दिन तक नहाई नहीं, कपड़े नहीं धोए. माइकल, माइकल... अब उनमें था.


वो काला माइकल था, जो खूबसूरत दिखना चाहता था. फिर एक रोज़ वर्जिनिया एयरपोर्ट पर एक औरत की खुशी देखने को मिली. वो बोली- Oh My God, this is Jackson Five. where is little Michael? औरत के सामने जो लिटिल माइकल था, वो काला और पिंप्लस वाला था. औरत ने उल्टी सा मुंह बना लिया. माइकल का बाप उसे मोटी नाक के लिए चिढ़ाता और आंखे तरेरता. माइकल समझ गया था कि सुंदर होना और सुंदर दिखना अलग बातें होती हैं शायद. तन मन को ढक लेता है, फिर चाहे वो कितना ही सुंदर क्यों न हो.

All I wanna say is that They don't really care about us

माइकल पैसे कमाना और खर्च करना दोनों जानता था. वो खुद से बहुत प्यार करता था. लेकिन उसका जोश उसका दोस्त था और दुश्मन भी. पेप्सी का ऐड करते हुए उसने अपने बाल जला लिए. वही बाल, जिन्हें जब वो झटकता तो लड़कियां चीखने लगतीं. एक हफ्ते में थ्रिलर की डेढ़ लाख कॉपी बिक गईं. 'दर्द भी बिकता है' माइकल समझ चुका था.


लेकिन माइकल ने सुंदर होना चुना था. माइकल इसी नई सुंदरता के साथ चांद पर चला और सूरज से जला. माइकल धूप में जाता तो सिर पर एक छाता रहता.



माइकल कहता- उसका बचपन खराब बीता. उसने अपने बच्चों को मास्क के पीछे ढक दिया. बच्चे बिना नकाब कहीं बाहर नहीं जाते. अपने 11 महीने के बच्चे को जोश में माइकल ने होटल की खिड़की से लटका दिया. फैन्स चीखे जा रहे थे- ओह माइकल, माइकल...

 जैसे कोई पेड़ जब फलों से ज़्यादा लदा होता जो सबसे भरा पूरा आम बाहर की किसी डाल पर लटका देता. माइकल खुद को पेड़ समझता था और कई बार खुद को उसी पेड़ को घोसला, जहां वो छिपकर बैठ जाता. माइकल को बच्चों से प्यार था. ये प्यार इतना था कि माइकल पर बच्चों संग सोने के भी इल्ज़ाम लगे. माइकल कहता- बच्चों के साथ सोना क्यों खराब है. आप बच्चों के साथ सोना बहुत खूबसूरत चीज़ है. आप जिस वक्त सोने को खराब मान लेते हैं, दिक्कत वहां होती है. बिस्तर पर बच्चे के साथ सोने को जब आप सेक्सुअल मान लेते हैं, दिक्कत वहां होती है. मुझे बच्चों के साथ सोना पसंद है.

माइकल के हाथों में माइक नहीं, हथकड़ियां आईं.

'But they say the sky's the limit
And to me that's really true
But my friend you have seen nothing
Just wait 'til I get through
Because I'm bad, I'm bad, shamone'


ऐसा नहीं था कि माइकल के पैर सिर्फ चीखते चिल्लाती धुनों पर चलते. माइकल वो जादूगर भी था, जिसने  धुंआ फेंकती चिमनियों और तेज रफ्तार कारों के साथ भारतनाट्यम किया और कहा- 'if you're thinkin' about my baby. It don't matter if you're black or white.'

Orianthi एक प्यारी लड़की है. वो माइकल के आखिरी शो This is it में लीड गिटारिस्ट थी. लेकिन माइकल मर गया. इस लड़की का गिटार नहीं रुका. उसके गिटार से जो धुन निकली, उस पर इम्तियाज़ अली की रॉकस्टार में इरशाद कामिल ने अपने बोल चढ़ाए. दुनिया ने सुना-  'तुम लोगों की इस दुनिया में हर कदम पर इंसान गलत... साडा हक ऐथ्थे रख.' Orianthi गिटार बजाकर वो हक मांग रही थी, जो 25 जून को ड्रग के शिकार और थोड़े झूठे, थोड़े सच्चे माइकल के मरने पर छिन गया था.

25 जून को माइकल, वो माइकल जैक्सन नहीं रह गया था.

'वो बेदर्दी से सिर काटें और मैं उनसे कहूं, हुजूर आहिस्ता आहिस्ता, जनाब आहिस्ता आहिस्ता..' जगजीत सिंह बोले- हुजूर और जनाब का इसमें जो इस्तेमाल किया है मेरी समझ में, शायर ने क्या सोचा होगा. हुजूर और जनाब में वही फर्क है जो पंजाब और लखनऊ में फर्क है.

माइकल ने भी खुद को ऐसे ही किसी बारीक फर्क में बांट रखा था.

This is it. 

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